आइए जानते हैं देश के नए (Hit and Run ) कानून में क्या है ?
नया कानून जो कि संसद से पारित हो चुका है और भारत के न्याय संहिता में जुड़ चुका है भारतीय न्याय संहिता में "लापरवाही से मौत" या हिट एंड रन कानून में नए प्रावधान किए गए हैं इसके अनुसार अगर किसी चालक के लापवाही के चलते उसकी गाड़ी से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती और वो बिना पुलिस या जिले के मजिस्ट्रेट को सुचना दिये भाग जाता है तो उसमें 10 साल की सजा और 7 लाख तक जुर्माना का प्रावधान है।
इस कानून से पहले तक जो कानून तक था उसमें IPC की धारा 279 लापरवाही से वाहन चलाना और चालक के मिलने के बाद धारा 304 ए लापरवाही से मौत और धारा 338 जान को जोखिम में डालना के तहत मामला दर्ज किया जाता था। इसमें 2 साल का सजा का प्रावधान था और वाहन चालक दुर्घटना के बाद भाग जाया करते थे।
ड्राइवर की सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर वह मौके पर रुके तो भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ेगा और उसमें उनकी जान भी जा सकती है और अगर भीड़ से बच गए तो 10 साल जेल काटना पड़ेगा और साथ में जुर्माना भी लगेगा इसलिए सभी ट्रांसपोर्टर संगठन ने हड़ताल बुलाया है और यह अनिश्चितकाल हड़ताल है।
ट्रैकों की हड़ताल की वजह से आम आदमी को पेट्रोल डीजल की कीमत हो रही है और जरूरी सेवाएं जैसे दूध सब्जी फल इत्यादि की कीमतों पर भी सीधा असर हो रहा है इसकी वजह से आम आदमी की जरूरत की सभी चीज महंगी हो रही है क्योंकि आम आदमी की जरूरत की चीज सही समय पर सही जगह पर नहीं पहुंच पा रहा है।
कुछ राज्यों के पेट्रोल पंप खाली हो चुके हैं और कुछ राज्यों के पास चंद दिनों के लिए पेट्रोल और डीजल बचे हुए हैं और कुछ राज्य पेट्रोल और डीजल खरीदने की भी सीमा तय कर रही है जिसमें मोटरसाइकिल के लिए 2 लीटर और चार पहिया वाहनों के लिए 5 लीटर सीमा तय की गई है अगर यह हड़ताल जल्द से जल्द खत्म नहीं हुआ तो पूरे देश में गाड़ियां थप्पड़ सकती है और आम लोगों की जरूरत पर भी सीधा असर पड़ेगा सभी राज्यों के प्रशासन ट्रांसपोर्टर संगठन से बात करने में लगे हुए हैं और उन्हें समझाने की भी कोशिश कर रहे हैं।
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